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रोहित ने जब मौत को गले लगाया तो क्या कोई यह उम्मीद कर सकता था कि देश की मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी साहिबा इस मौत को दलितों के प्रति बढ़ती असंवेदनशीलता से दूर करने की कोशिश करेंगी. भाजपा के नेता इस मौत का कारण अवसाद बताएँगे. या उसके दलित होने पर ही प्रश्नचिन्ह लगायेंगे. भाजपा और संघ के नेताओं ने तो पूरे विपक्ष और छात्र संगठनों पर यह तोहमत लगा दी कि वे रोहित की मौत को जातीय टकराव में परिवर्तित करना चाहते हैं. हम सब जानते हैं कि वे ऐसा कर दलितों पर भाजपा और संघ के नेताओं द्वारा किये जा रहे हमलों से अपने आपको बचाने की नाकाम कोशिश कर रहे थे. उनके झूठ अब पूरी तरह से मीडिया और जनता के सामने आ चुके हैं और पूरे देश का छात्र आन्दोलन भाजपा और संघ के विरुद्ध लामबंध होने लगा है. मानव संसाधन मंत्रालय से चार-चार पत्र विशवविधालय को लिखे गए हैं ताकि वे रोहित और उनके दोस्तों को विश्वविधालय से बाहर करवा सकें. बंडारु दतारया का ए.बी.वी.पी. को समर्थन करना और रोहित व उसके दोस्तों तथा अम्बेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन को राष्ट्रविरोधी करार देकर उनके खिलाफ एच.आर.डी. मंत्रालय से कार्यवाही की मांग करना और अंतत उन्हें निलंबित करवा देना अपने आप में गंभीर मसला है. भाजपा-संघ के नेताओं की यह कार्यवाही पूर्णतया दलित विरोधी है. उनकी इन कार्यवाहियों और झूठी बयानबाजी से भाजपा और संघ का दलित विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है.

जम्मू-कश्मीर के पिछले विधानसभाई चुनाव के लिए भाजपा और पीडीपी के  प्रचार की दिशा एक-दूसरे से ठीक उल्टी थी। जहां भाजपा ने धु्रवीकरण किया और इसका फायदा उठाकर जम्मू में 25 सीटें हासिल कर लीं, पीडीपी ने स्वशासन के अपने नारे तथा ‘‘मोदी लहर’’ का मुकाबला करने के अपने वादों के बल पर, कश्मीर में 28 सीटें हासिल कर लीं।

क्या यह महज एक संयोग था? ठीक उस समय ब्रिटेन और शेष दुनिया भी, ब्रिटिश लेबर पार्टी के नेता के  पद पर जेरेमी कॉर्बिन के चुने जाने की हैरान करने वाली खबर को हजम करने की कोशिशों में लगी हुई थी, लंदन में और योरप भर के सभी बड़े शहरों में ‘‘शरणार्थियों का स्वागत है’’ के नारों के साथ, जनता के विशाल जुलूस निकल रहे थे।

एक से ज्यादा निजी अस्पतालों की उदासीनता के शिकार, सात वर्षीय बच्चे अविनाश के डेंगू के बुखार से दम तोडऩे के बाद, उसके माता-पिता के आत्महत्या कर लेने तक के बहुत ही दु:खद घटनाक्रम ने, दिल्ली में स्वास्थ्य रक्षा सेवाओं की दयनीय अवस्था की पोल खोल दी है। इस पूरे घटनाक्रम पर हुए हंगामे के बाद जरूर दिल्ली सरकार ने इस समय दिल्ली में चल रही डेंगू की महामारी पर अंकुश लगाने के लिए कई कदमों की घोषणा की है। 

दिल्ली में तीन निजी बिजली वितरण कंपनियों पर नियंत्रक तथा लेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का मसौदा सामने आया है। रिपोर्ट का यह मसौदा दिखाता है कि दिल्ली की जनता को इन कंपनियों ने पूरे 8,000 करोड़ रु0 का चूना लगाया है। 

आखिर लोगो की एकता और सी.पी.आई. (एम) की पहल से श्रीराम कॉलोनी में लोगो ने ईद का त्यौहार बिना किसी खौफ के मनाया. सी.पी.आई. (एम) ने वहाँ के लोगो से मिलकर तथ्यों का संज्ञान लिया और हालात के बारे में आम जनता को अवगत कराया. सीपीआई(एम) द्वारा तैयारी की गई रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.  पार्टी की नेता बृंदा करात ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के पुलिस आयुक्त और उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मुलाक़ात की थी और उन्हें वहां की स्थित से अवगत कराया था.

‘अब हमारा हिन्दुस्तान, भागो मुल्ला पाकिस्तान’, संघ के कार्यकर्ता यह नारा श्रीराम कॉलोनी में बहुमत मुस्लिम आबादी के बीच बने एक पार्क में लगा रहे हैं। यह शाखा वहां रहे लोगो के विरोध के बावजूद जबरदस्ती लगाई जा रही है। शाखा के दौरान उकसाव भरे नारे लगाने के अलावा वे कार्यकर्ताओं को अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले करने का प्रशिक्षण भी देते हैं। सुबह के वक्त राजीव पार्क में जब शाखा लगती है तो वहां की आबो-हवा में ही सांप्रदायिक तनाव की बू आने लगती है। इस पार्क के इर्द-गिर्द मुस्लिम आबादी बहुमत में है और जब वे लोग शाखा में लगाए जाने वाले साम्प्रदायिक और मुस्लिम विरोधी नारों को सुनते हैं तो एक अजीब सी बेचैनी पैदा होने लगती है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की टीम रविवार को जब स्थिति का जायजा लेने के लिए इलाके का दौरा किया तो पाया कि शाखा किसी शारीरिक कसरत या सांस्कृतिक कार्यकर्म के लिए नहीं बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने के लिए लगाई जा रही थी। उनकी गतिविधियों से यह स्पष्ट था कि उनका एकमात्र निशाना इलाके में रह रहे मुसलमान समुदाय के लोग हैं।

—नम्रता डामोर (25 वर्ष) मेडिीकल कॉलेज की छात्रा : उज्जैन के पास रेल पटरियेां के पास क्षत-विक्षत लाश मिली। सरकार का दावा आत्महत्या का, परिवार का आरोप है कि व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले के सरगनाओं में से एक जगदीश सागर ने हत्या कराई है। आत्महत्या के लिए कोई 10 दिन पहले से रिजर्वेशन कराकर इतनी दूर नहीं जाता। 

भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया गया था और खुद नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि भाजपा की सरकार किसानों के ‘अच्छे दिन’ लाएगी और किसानों की आत्महत्याएं खत्म कराएगी। वादा किया गया था कि भाजपा की सरकार खेती के लिए तथा ग्रामीण विकास के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाएगी, किसानों के लिए उत्पादन लागत के ऊपर से 50 फीसद दिलाकर खेती की लाभकरता बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी, खेती की लागत सामग्री व ऋण सस्ते मुहैया कराएगी, खेती में आधुनिकतम प्रौद्योगिकियां तथा ज्यादा पैदावार देने वाले बीज लाएगी, मनरेगा को खेती से जोड़ेगी, अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से फसल के नुकसान की भरपाई करने के लिए फसल बीमा लागू करेगी, ग्रामीण ऋण सुविधाओं का विस्तार करेगी, किसानों को विश्व बाजार में कीमतों में बहुत भारी-उतार चढ़ावोंं से बचाने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष कायम करेगी, आदि आदि।

भारतीय रेलवे के पुनर्गठन पर देबराय कमेटी की रिपोर्ट में, जैसाकि पहले से अंदाजा लगाया जा सकता था, भारतीय रेलवे के विभिन्न पहलुओं को अलग-अलग करने और बस नाम भर लिए बिना रेलवे का निजीकरण करने की सिफारिश की है।