मुझे ज्ञात हुआ है कि राष्ट्रीय पर्यटन पालिसी का मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर 1 मई 2015 को डाला गया है जिसमे 15 मई तक प्रतिक्रिया मांगी गई है ।
CPIM in Parliament
सीताराम येचुरी: एक तत्कालीन मंत्री यह कैसे कह सकते हैं कि छेड़खाड़ के पीछे भगवान् की मर्ज़ी है?
आज जब मै अपनी पार्टी की तरफ से इस बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूँ तो यह कहना चाहता हूँ की आज बांग्लादेश में रह रहे 15 करोड़ बंगाली समुदाय के लोगो के अलावा परिवृति में रह रहे 1.5 करोड़ लोगों की भी नज़र आज हम पर है । इन परिवृति में रह रहे लोगो की स्थिति दयनीय है और वे कहीं के निवासी नहीं रह गए हैं । न ही उनके पास जीवन जीने के लिए मूलभूत संसाधन है और न ही कोई राष्ट्रीय पहचान ।