पाकिस्तान के साथ कंपोजिट डॉयलाग का रास्ता बनाएं
भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत आखिरी वक्त पर रद्द किए जाने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार देते हुए, सी पी आइ (एम) महासचिव, सीताराम येचुरी ने याद दिलाया कि इससे पहले, दोनों देशों के बीच ‘‘विदेश सचिव स्तर की बातचीत भी उसी कारण से रद्द की गयी थी।’’ इस सिलसिले में दोनों ओर से चल रहे आरोपों-प्रत्यारोपों के सिलसिले में पडऩे से इंकार करते हुए, येचुरी ने सवाल किया कि क्या भारत ने उफा में विदेश सचिव स्तर की बातचीत के निर्णय के समय पाकिस्तान को बता दिया था कि उसके प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से बात की तो बातचीत नहीं होगी? उनका कहना था कि उफा में यह स्पष्टï किए जाने का कोई जिक्र तो नहीं सुना गया। इसी सिलसिले में येचुरी ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ बात करने में नया कुछ नहीं है और दसियों साल पाकिस्तानी नेताओं के भारत के दौरे के मौके पर इस तरह की बातचीत होती आयी है। वह 24 अगस्त को नई-दिल्ली में सी पी आइ (एम) की केंद्रीय कमेटी की तीन दिनी बैठक के बाद, ए के गोपालन भवन में एक संवाददाता को संबोधित कर रहे थे। येचुरी ने जोर देकर सी पी आइ (एम) की यह मांग दोहरायी कि सरकार को भारत और पाकिस्तान के बीच, ‘‘सभी मुद्दों तथा सभी विवादों को समेटने वाले, कंपोजिट डॉयलाग की ओर कदम उठाने चाहिए, ताकि इस समय दोनों देशों के बीच बढ़ते तनावों को घटाया जा सके।’’ उनका कहना था कि दोनों देशों तथा उनके जनगण के हितों का भी यही तकाजा है।