मध्यप्रदेश में 24 संगठनों की साझी जनाधिकार यात्रा शुरू

निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हुए किसान खेतमजदूर और विस्थापित
मध्यप्रदेश में 24 संगठनों की साझी जनाधिकार यात्रा शुरू
छिंदवाड़ा ।

मोदी और शिवराज सिंह चौहान की सरकारों द्वारा की जा रही निर्लज्ज कारपोरेट सेवा, खेती और संसाधनों की लूट तथा विस्थापन के खिलाफ मध्यप्रदेश के 24 से अधिक संगठनो, जन आंदोलनों,वामपंथी दलों व संगठनों की जनाधिकार यात्रा आज छिंदवाड़ा में एक विशाल जन सभा और राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ शुरू हुयी । यह यात्रा प्रदेश के महाकौशल, विंध्य, चम्बल, बुंदेलखंड से होती हुयीनर्मदा डूब प्रभावित बड़वानी में होती हुयी 19 जनवरी को इंदौर तक जायेगी ।

किसान संघर्ष समिति के डॉ सुनीलम के संचालन में हुयी जनाधिकार यात्रा की इस शुरुआती सभा को एन बी ए की मेधा पाटकर, सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव, सीपीआई(एम) केंद्रीय समितिसदस्य बादल सरोज,  सीपीआई राज्य सचिव अरविंद श्रीवास्तव, अ भा किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष जसविंदर सिंह, ए आई के के एम एस के मनीष श्रीवास्तव सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा वक्ताओं नेसंबोधित किया । 

वक्ताओं के मुताबिक़ मोदी शिवराज दोनों ही सरकारें देश की खेती तथा संपत्तियों को अम्बानी अडानी जिंदल जैसे देसी और ऐसे ही विदेशी कार्पोरेट्स के हाथों में सौंपती जा रही हैं । लाखों करोड़ों किसानतथा मजदूर बेदखल और विस्थापित किये जा रहे हैं । विकास सिर्फ मुट्ठी भर धन पशुओं की चर्बी का हुआहै । दाल रोटी कम हुयी है, रोजगार ख़त्म हुए हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य के अवसर संकुचित हुए हैं ।

प्रदेश के किसानो की भयानक दुर्दशा, सूखा और प्राकृतिक आपदा के समय उनके साथ 30 और 35 रुपयों के मुआवजे के मखौल को सामने रखते हुए वक्ताओं ने सवाल किया कि कारपोरेट को लाखोंकरोड़ रुपयों की सौगात लुटाने वाली सरकारों के पास किसानो तथा जनता को राहत देने के नाम पर खजाने में पैसा क्यों नहीं रहता ।

डब्लू टी ओ में जारी मोदी सरकार के बारम्बार समर्पण की भी सभा में निंदा की गयी ।

इस खुले सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया । जिसे किसान नेता कुञ्ज बिहारी पटेल ने रखा तथा एडवोकेट सुश्री आराधना भार्गव ने अनुमोदित किया ।

सम्मेलन ने अपनी लड़ाई को देशव्यापी संघर्ष का हिस्सा बताया और 24 फरवरी को दिल्ली में होने वाली विराट रैली में बढ़चढ़कर भाग लेने की घोषणा की ।