पाकिस्तान के साथ कंपोजिट डॉयलाग का रास्ता बनाएं

Date: 
Tuesday, August 25, 2015

सी पी आइ (एम) केंद्रीय कमेटी ने कहा
पाकिस्तान के साथ कंपोजिट डॉयलाग का रास्ता बनाएं
भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत आखिरी वक्त पर रद्द किए जाने को  ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार देते हुए, सी पी आइ (एम) महासचिव, सीताराम येचुरी ने याद दिलाया कि इससे पहले, दोनों देशों के बीच ‘‘विदेश सचिव स्तर की बातचीत भी उसी कारण से रद्द की गयी थी।’’ इस सिलसिले में दोनों ओर से चल रहे आरोपों-प्रत्यारोपों के सिलसिले में पडऩे से इंकार करते हुए, येचुरी ने सवाल किया कि क्या भारत ने उफा में विदेश सचिव स्तर की बातचीत के निर्णय के समय पाकिस्तान को बता दिया था कि उसके प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से बात की तो बातचीत नहीं होगी? उनका कहना था कि उफा में यह स्पष्टï किए जाने का कोई जिक्र तो नहीं सुना गया। इसी सिलसिले में येचुरी ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ बात करने में नया कुछ नहीं है और दसियों साल पाकिस्तानी नेताओं के भारत के दौरे के मौके पर इस तरह की बातचीत होती आयी है। वह 24 अगस्त को नई-दिल्ली में सी पी आइ (एम) की केंद्रीय कमेटी की तीन दिनी बैठक के बाद, ए के गोपालन भवन में एक संवाददाता को संबोधित कर रहे थे। येचुरी ने जोर देकर सी पी आइ (एम) की यह मांग दोहरायी कि सरकार को भारत और पाकिस्तान के बीच, ‘‘सभी मुद्दों तथा सभी विवादों को समेटने वाले, कंपोजिट डॉयलाग की ओर कदम उठाने चाहिए, ताकि इस समय दोनों देशों के बीच बढ़ते तनावों को घटाया जा सके।’’ उनका कहना था कि दोनों देशों तथा उनके जनगण के हितों का भी यही तकाजा है।
                सी पी आइ (एम) केंद्रीय कमेटी की 21 से 23 अगस्त तक हुई बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए, सीताराम येचुरी ने बताया कि वामपंथी पार्टियां बिहार का आगामी चुनाव, एक स्वतंत्र वामपंथी ब्लाक के रूप में लड़ेंगी। इस कतारबंदी में अन्य राज्यस्तरीय वामपंथी पार्टियों के अलावा सी पी आइ (एम), सी पी आइ, सी पी आइ (एमएल)-लिबरेशन, आर एस पी, फारवर्ड ब्लाक तथा एस यू सी आइ शामिल होंगी। उन्होंने बताया कि यह वामपंथी कतारबंदी, सांप्रदायिक भाजपा को हराने, जातिवादी ताकतों का मुकाबला करने और विधानसभा में वामपंथ की उपस्थिति को मजबूत करने के नारों के साथ बिहार की जनता के सामने जाएगी। इसके साथ ही येचुरी ने आमतौर पर देश भर में तथा खासतौर पर बिहार में, चुनाव की पूर्व-संध्या में सांप्रदायिक तनाव व धु्रवीकरण बढ़ाए जाने की कोशिशों में तेजी आने के प्रति भी आगाह किया और एलान किया कि वामपंथी ताकतें ऐसी सभी कोशिशों का डटकर मुकाबला करेंगी। येचुरी ने सांप्रदायिक धु्रवीकरण की इन कोशिशों को मौजूदा शासन से बढ़ावा मिलने की ओर भी ध्यान खींचा और सिलसिले में हिंदुत्ववादी आतंकवादी प्रकरणों में कार्रवाई कमजोर किए जाने का विशेष रूप से जिक्र किया। लगभग सभी सीटों पर चुनाव लडऩे की सूरत में वामपंथी पार्टियों के भाजपाविरोधी ‘‘वोट काटने’’ के आरोपों को खारिज करते हुए, येचुरी ने कहा कि वामपंथी जीतने के लिए वोट मांग कर रहे हैं, काटने के लिए नहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीटों के तालमेल पर वामपंथी पार्टियों के बीच बातचीत अभी चल ही रही है।
                सी पी आइ (एम) महासचिव ने बताया कि केंद्रीय कमेटी की तीन दिनी बैठक में, नवउदारवादी नीतियों के अमल के ढाई दशकों में मजदूर वर्ग, कृषि व खेतिहर समुदाय और मध्यवर्ग व शहरवासियों के हालात मेंं आए बदलावों तथा उनके संदर्भ में संगठन तथा काम के तौर-तरीकों में जरूरी हो गए बदलावों के अध्ययन के लिए गठित, तीन अध्ययन ग्रुपों की रिपोर्टों के आधार पर पोलिट ब्यूरो द्वारा प्रस्तावित बिंदुओं पर खासतौर पर चर्चा हुई। इस चर्चा के आधार से निकलने वाले निष्कर्षों को, संगठन के मुद्दे पर पार्टी के प्रस्तावित प्लेनम मेंं रखी जाने वाले रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। यह प्लेनम 27 से 30 दिसंबर 2015 तक, कोलकाता में होगा।
                येचुरी ने शेयर बाजार में भारी गिरावट पर सवालों के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली के इसके दावों को खारिज कर दिया कि ‘यह अंतर्राष्टï्रीय परिस्थितियों का परिणाम है, वर्ना भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है।’ उन्होंने याद दिलाया कि नवउदारवादी सुधारों ने विश्व वित्तीय झटकों के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वेध्यता बढ़ा दी है। वास्तव में 2008 के विश्व वित्तीय झटके से भारत अगर एक हद तक बचा रहा था, तो यह रुपए को पूर्ण परिवर्तनीयता से बचाए रखने से ही संभव हुआ था। इस बीच सरकार ने इस बचाव को कमजोर ही किया है। सी पी आइ (एम) नेता का कहना था कि विनिर्माण, औद्योगिक उत्पादन, निर्यात, कृषि विकास जैसे सभी महत्वपूर्ण मानकों पर भारतीय अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति में, विश्व वित्त बाजार का झटका और घातक साबित हुआ है। येचुरी ने दिनों-दिन बिगड़ती आर्थिक स्थिति की मार से, जनता के सभी तबकों की बिगड़ती स्थिति की ओर ध्यान खींचा और जनता पर बढ़ते बोझ के खिलाफ स्थानीय मुद्दों को लेकर आंदोलन तेज करने के केंद्रीय कमेटी के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कमेटी ने 2 सितंबर की देशव्यापी हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन देने का फैसला लिया है।
                 इसके साथ ही येचुरी ने यह भी बताया कि मोदी सरकार के राज में केंद्र-राज्य संबंधों में आयी गिरावट की पृष्ठïभूमि में, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने संघीय ढांचे के कमजोर किए जाने के खिलाफ गैर-भाजपायी मुख्यमंत्रियों की जो बैठक बुलायी है, उसमें सी पी आइ (एम) के पोलिट ब्यूरो के सदस्य तथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, मानिक सरकार शामिल होंगे और इस मुद्दे पर पार्टी की सुविचारित राय रखेंगे। येचुरी ने देश में दलितों की स्थिति पर विचार करने के लिए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाए जाने की सी पी आइ (एम) की मांग को भी दोहराया और कहा कि यही डा0 बी आर आंबेडकर की 125वीं सालगिरह मनाने का सबसे सार्थक तरीका होगा।                                            
                                                                                                      0 राजेंद्र शर्मा