श्रीराम कॉलोनी में बेख़ौफ़ मनी ईद :- महेश कुमार

 
आखिर लोगो की एकता और सी.पी.आई. (एम) की पहल से श्रीराम कॉलोनी में लोगो ने ईद का त्यौहार बिना किसी खौफ के मनाया. सी.पी.आई. (एम) ने वहाँ के लोगो से मिलकर तथ्यों का संज्ञान लिया और हालात के बारे में आम जनता को अवगत कराया. सीपीआई(एम) द्वारा तैयारी की गई रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.  पार्टी की नेता बृंदा करात ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के पुलिस आयुक्त और उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मुलाक़ात की थी और उन्हें वहां की स्थित से अवगत कराया था. सी.पी.आई. (एम) की इस पहल से काफी सारे सकारात्मक नतीजे निकले और ईद की नमाज़ काफी सौहार्दपूर्ण रही. लोगो में ईद और ईद को शांतिपूर्वक मनाये जाने के लिए किये गए प्रशासन के इंतजाम से लोगो में भारी उत्साह और ख़ुशी का आलम था. आज मौके पर पुलिस के सभी बड़े अफसरान जिसमें पुलिस आयुक्त श्री. बस्सी से लेकर सभी रैंक के अफसर शामिल थे, और वहांस मुस्तैदी से मौजूद थे. श्री राम कॉलोनी की इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि आयुक्त स्तर के अधिकार ने खुद उस स्थान पर पहुँच कर यह सुनिश्चित किया कि इलाके में शान्ति बरकरार रहे.  हालांकि आर.एस.एस. ने आज भी वहां शाखा लगाई और शारीरिक कसरत के बजाये उकसावे पूर्ण गतिविशियाँ की जिसे वहां के शांति पसंद नागरिकों ने नजर अंदाज़ कर दिया. यहाँ यह बात भी रेखांकित करना जरूरी होगा कि जनता के दबाव और प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से आर.एस.एस. को ईद नमाज़ से पहले ही अपनी गतिविधियों को बंद करना पड़ा जोकि अपने आप में शांति पसंद जनता के लिए बड़ी जीत है. आर.एस.एस. अपनी पूर्व योजना के अनुसार इलाके में अपने एकत्रीकरण का कार्यक्रम नहीं कर पायी जिसके तहत उनका इरादा था कि वे यहाँ सेंकडों की तादाद में अपने कार्यकर्ताओं को लायेंगे और ईद की नमाज़ में दखल पैदा करेंगे. पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स का भारी जमावड़ा था और पुलिस ने बाकयदा सभी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए आधुनिक तकनीक द्रोन का भी इंतजाम किया था. आज की कार्यवाही को दर्ज करने के लिए मुख्यधारा का मीडिया भी मौजूद था.
ईद की नमाज़ के लिए जब ज़मात लगी तो कादरी मस्जिद के इमाम गुलाम मोहम्मद मुर्तजा ने कहा कि आज की शांतिपूर्ण और शकुन से अदा की जाने वाली ईद की नमाज़ का सारा का सारा श्रेय सी.पी.आई.(एम) को जाता है क्योंकि उनके कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सही वक्त पर पहलकदमी करके इसे संभव बनाया है. उन्होंने सेंकडों लोगो की ज़मात में सी.पी.आई.(एम) का शुक्रिया अदा किया.
हमने आज योगेश जिनकी उम्र 31 वर्ष है और श्रीराम कॉलोनी में ही रहते हैं, से बात की. उन्होंने बताया कि इस इलाके में ईद बहुत शांतिपूर्ण तरीके से मनाई जाती रही है. इस पर आज तक किसी ने कोई एतराज़ नहीं उठाया. सब समुदायों के लोग आपस में ईद मुबारक करते हैं और ईद की सेवैयाँ साथ मिलकर खाते हैं. इसी तरह हिन्दुओं के त्योवाहारों पर भी लोग आपस में बधाइयां देते हैं. योगेश बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से आर.एस.एस. के कुछ कार्यकर्ता जोकि ज्यादातर बाहर के इलाकों से आते हैं, ने इस क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि आर.एस.एस. दावा करती है केंद्र में उनकी सरकार है इसलिए उनका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. चाहे कुछ भी वे शाखा यहीं लागयेंगे. उन्हें इस इलाके की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है. वे अपनी इन गतिविधियों को मोदी सरकार की नाकामियों से लोगो का ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं.
राबिया जिनकी उम्र 40 वर्ष है और जनवादी महिला समिति की कार्यकर्ता हैं. उन्होंने बताया कि इस इलाके में हज़ारों समस्याएं हैं लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं करता है. यहाँ तक कि आम आदमी पार्टी के नेता जो यहाँ से विधायक हैं ने भी इस मसले पर कुछ नहीं किया. उन्होंने बताया कि एक तरफ  तो आम जनता यहाँ रोजमर्रा की तकलीफों से जूझ रही है और दूसरी तरफ यहाँ के माहौल को सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दूषित करने की कोशिश की जा रही है. इस सब के खिलाफ सभी धर्मों के लोगो को अपनी आवाज़ उठानी चाहिए.
आम महिलाओं की शिकायत है कि आर.एस.एस. के कार्यकर्ता राधे श्याम तिवारी उन्हें घूरते रहते हैं और महिलाओं को देखकर अजीब-अजीब सी हरकतें करते हैं. आम महिलायें उनके इस व्यवहार से काफी गुस्से में हैं. उन्होंने बताया कि तिवारी छोटे-छोटे बच्चों और नौजवानों में खुले-आम साम्प्रदायिक ज़हर भरने की कोशिश करते हैं.
इलाके का मुवायना करते हुए जब हम श्रीराम कॉलोनी के सी ब्लाक में पहुंचे तो हमारी मुलाक़ात कुछ नौजावानों से हुयी जो हिन्दू/मुस्लिम दोनों ही समुदाय से सम्बन्ध रखते हैं. उनके नाम निकेत, प्रेमप्रकाश, कय्यूम और खालिद हैं और करीब 22 से 25 वर्ष के बीच की उम्र के हैं. उन्होंने बताया कि यहाँ लोग हमेशा से शांतिपूर्ण ढंग से रहते आये हैं लेकिन आर.एस.एस. ने जब से शाखा लगाई है माहौल तनावपूर्ण हो गया है. वे कहते हैं कि हम हर समुदाय के नौजवानों से मिलते हैं और उनसे आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हैं. उनके मुताबिक़ दोनों समुदाय के लोग अक्सर एक दुसरे के त्योवहारों में भागेदारी करते हैं. उन्होंने कहा कि असली मकसद तो यहाँ की समस्याओं को सुलझान है ताकि यहाँ के लोग सम्मान का जीवन जी सके. वे कहते हैं कि आप इस इलाके के किसी भी छोर पर चले जाएँ हर जगह गन्दगी ढेर मिलेंगे, नालियाँ भरी पडी है, पार्कों में सफाई नहीं घास लगाना तो दूर की बात है. बच्चों की शिक्षा की स्थिति खराब है. लेकिन शासक पार्टियों के नेता इन सस्याओं को दूर करने के लिए कोई कार्यवाही नहीं करते हैं उलटे वे भी इस सांप्रदायिक माहौल से अपनी राजनितिक रोटियाँ सकने का काम करते हैं जिसकी वजह से कॉलोनी का विकास पीछे रह जाता है.
एक बुजुर्ग नमाज़ अदा करके हमारे पास आये और उन्होंने हमें धन्यवाद दिया कि आपकी पहलकदमी से आज की ईद शकुन से अदा हो गयी. उन्होंने कहा कि इलाके में शान्ति बनाए रखने के लिए लगातार इस तरह के सहयोग की जरूरत है.
अब सवाल यह उठता है कि आज तो स्थिति संभल गयी लेकिन आने वाले दिनों में इस सदभाव को बनाए रखने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाए रखने की जरूरत ताकि जो लोग कॉलोनी में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते हैं उनकी कोशिशों को विफल किया जा सके. इसके लिए जरूरी है कि सभी समुदाय के लोगो को लेकर एक समिति बानायी जाए जो कॉलोनी में शांति और सदभाव बनाए रखने के लिए निरंतर काम करे. इसके साथ ही आम लोगो को उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए तथा इलाके की समस्याओं को लेकर स्थानीय प्रशासन और दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेना चाहिए जिससे कि इलाके का विकास हो सके. अगर आम लोग अपनी संस्याओं चाहे व इलाके का विकास, शिक्षा या रोज़गार की समस्या हो को लेकर आन्दोलन करते हैं तो साम्प्रदायिक तनाव फैलाने जैसी ताकते मैदान में नज़र नहीं आएँगी.