शोषण के खिलाफ लड़ाई और तेज़ होगी

राकेश सिंघा
पूर्व विधायक
 
प्रिय  पी. मित्रा जी
आपसे अनुरोध है कि आप इस पत्र को गंभीरता से लेंगे और इस मुद्दे को प्रमुखता देंगे ।
20 मार्च 2015 से लगातार मैंने किन्नौर के डी.एम को उनके द्वारा धारा 144 पी.सी के सन्दर्भ में अनेक आवेदन लिखे हैं। मैंने यह प्रार्थना की थी कि धारा 144 के दुरपयोग से बचा जाए तथा इसका प्रयोग मजदूरों को उनके लिए कुपा, किल्बा शोलतू और शेरपा कॉलोनियों में आवंटित आवास में जाने से रोकने के लिए भी न किया जाए।  मैंने इस बात की भी सूचना दी थी कि पुलिस का इस्तेमाल इन मजदूरों को आवास में जाने से रोकने के लिए किया जा रहा है। इस घटना की विडियोग्राफी कर इस बात का भी सबूत दिया गया था कि पुलिस ऐसे अमानवीय काम कर रही है। सोलहवी सदी के औद्योगिक यूरोप में ऐसे रास्तों का प्रयोग कर मजदूरों को प्रताड़ित किया जाता था। मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि आज़ाद भारत और वो भी हिमाचल प्रदेश में ऐसी हरकते अपनाई जाएँगी बावजूद इसके की उच्च पदाधिकारियों को अनेक सबूत दिए जा चुके हैं।
मुझे अपने अनुभवों से पता है कि ऐसे आदेश देने वाले अधिकारी खुद भी बिना एक कम्बल और गर्माहट से भरे कमरों के नहीं रह सकते। और वहीँ दूसरी तरफ ये मजदूर जीरो डिग्री तापमान और तेज़ चलती ठंडी हवाओं के बीच खुले मैदान में सो रहे हैं। न ही उनके पास खाने के लिए सामान है और न ओढने के लिए कम्बल क्योंकि उनका अधिकतर सामान 19 मार्च 2015 से कमरों में बंद है। इस तरहे के अमानवीय हरकतों ने हर तरह के शोषण के खिलाफ लड़ने के मेरे ज़ज्बे को और मज़बूत किया है।
कृपया निम्नलिखित तथ्यों में हमारी मदद करे:-
1. लाला प्रसाद साहू, पुत्र स्वर्गीय. श्री राजा राम साहू जो जेपी कंपनी में काम करते हैं, गंभीर रूप से बीमार हैं. वे मध्य प्रदेश से हैं।
2. उन्हें किल्बा कैंप के एच ब्लाक ममें रूम नंबर 3 रहने के लिए दिया गया था और वे 19 मार्च से अपने साथियों के साथ पुन्निंग गाँव के पास वाले जंगल में रह रहे हैं।
3. उनके साथियों ने 31 मार्च की सुबह 9 बजे जेपी कंपनी के अस्पताल में उन्हें दाखिल किया। जांच के बाद पता चला कि उनका हीमोग्लोबिन लेवल गिरकर 3.6 पहुँच गया है जो बेहद कम है।
4. मौजूद चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें दाखिल करने से मना करते हुए खून का इंतज़ाम करने के मांग की।
5. उस रात मजदूर संगठन ने उनके रहने का इंतज़ाम विपिन कुमार नामक अन्य साथी के घर किया।
6. 1 अप्रैल की सुबह उन्हें अस्पताल के कमरा नंबर 304 में जगह दी गई.
7. चार साथियों ने खून देकर उनकी जान बचाई है। उनका ब्लड ग्रुप बी+ है और श्री जोगिन्दर, जे.पी. मिश्रा, श्री नीलू और श्री दीवान सिंह ने उन्हें खून दिया है। मजदूर संगठन ने मुझे सूचित किया है कि लाला प्रसाद साहू की हालत गंभीर है और उन्हें शिमला के आईजीएमसी भेजने का प्रबंध किया जाए। कृपया पत्र के साथ आप अधिकारीयों को ऐसा करने के लिए आदेश दें।
मैं यह भी सूचित करना चाहता हूँ कि 30-40 मजदूरों की तबियत भी बिगड़ रही है और उनके स्वास्थ्य में काफी गिरावट है। कृपया करके उचित कदम उठाए वरना यह आपकी सरकार पर एक धब्बा होगा और इसके बचाव में आपके पास जवाब नहीं होंगे।  
दिनांक: 01.04.2015                                                                                 
समय: 4:35 p.m.
 
श्री. पी. मित्रा                                                                                     
मुख्य सचिव
हिमाचल प्रदेश सरकार