हिमाचल प्रदेश के अनेक स्थानों पर प्रदर्शन

31 मार्च को हिमाचल प्रदेश विधान सभा के बाहर सीपीआई(एम) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस तरह के विरोध प्रदर्शन प्रदेश के हर कोने में आयोजित किए गए. ये प्रदर्शन मंदी, कुल्लू, हमीरपुर, सोलन, नहान, उना, काँगड़ा, धर्मशाला, बजीनाथ, जोगिन्दर नगर और अन्य तहसीलों में भी आयोजित किए गए. एक आवाज़ में सभी विरोध प्रदर्शनों ने उन पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जिन्होंने पुलिस स्टेशन में छात्रों पर लाठियां चलाई थी और पार्टी ऑफिस पर भी हमला किया. साथ ही प्रदर्शन ने न्यायिक जांच की भी मांग की.  
 
शिमला शहर में कार्ट रोड से शुरू हुई रैली विधान सभा के बाहर आकर ख़त्म हुई. इस मीटिंग को सीपीआई(एम) राज्य सचिव ओंकार शाद, पार्टी के केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राकेश सिंघा, राज्य समिति के सदस्य टिकेंदर सिंह पंवर और छात्र नेता राजन हर्ता ने भी संबोधित किया. वक्ताओं ने प्रतिरोध की आवाज़ को कुचलने के इस प्रयास का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी हरकतों के जवाब में सरकार को पुरजोर विरोध का सामना करना पड़ेगा. वीरभद्र सिंह की सरकार लोगो की आशाओं पर खरी उतरने में नाकामयाब रही है और वो न केवल आर्थिक मामलों में नवउदारवादी नीतियों को बढ़ावा दे रही है बल्कि उसके शाशन में दमन साफ़ झलक रहा है. यह बढती हुई फीस , छात्र संघ के चुनावों में लगाई गई रोक और जेपी कंपनी को दी गई मदद से साफ़ झलक रही है. वक्ताओं ने कामरेड राकेश सिंघा पर हुए आत्मघाती हमले की भी निंदा की. ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि इस घटना में पुलिस भी शामिल थी और इसीलिए यह बात साफ़ होती है कि सरकार और जेपी मिले हुए हैं. पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में न्यायिक जांच नहीं होती है तो पार्टी को सड़कों पर उतरना पड़ेगा.