बंगाल: जून 12 से 15 दिन का अभियान

पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा ने 12 जून से राज्य में 15 दिन का विरोध प्रदर्शन अभियान शुरू करने का फैसला लिया है । यह आन्दोलन प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा प्रतिहिंसा, राज्य द्वारा पोषित आतंक, वाम कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी केस, बढती महंगाई, शिक्षा क्षेत्र में फैली अराजकता, बेरोजगारी, महिलाओं पर बढती हिंसा और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे हमले के खिलाफ किया जाएगा । यह घोषणा वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बासु ने वाम मोर्चा समिति की मीटिंग के बाद की ।
 
बिमान बासु ने बताया कि 2011 से राज्य सरकार द्वारा 11 जिलों में 1,841 फर्जी मुक़दमे दर्ज किए गए हैं जिसमे 70,000 वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं को दोषी बनाया गया है । उन्होंने कहा कि अगर ये मुक़दमे वापस नहीं लिए गए तो वाम मोर्चा पुलिस थानों के बाहर प्रदर्शन करेगा और अगर जरुरत पड़ी तो जिला मुख्यालयों का घेराव कर वहाँ आने वाली सभी सड़कों पर नाकेबंदी की जाएगी ।
मोदी और ममता की साझा बांग्लादेश यात्रा पर बासु ने कहा कि भारत-बांग्लादेश संबध को परे रखते हुए यह दोनों के बीच आपसी गठजोड़ की और इशारा करता है ।
 
बिमान बासु ने कहा कि दो साल पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ढाका की यात्रा पर जाने के फैसले को आखिरी समय पलट देना “तृणमूल अध्यक्ष का राजनैतिक फैसला था” । पर इस बार बदले हुए मन से दोनों पार्टियों की आपसी समझ और गठजोड़ उजागर होता है ।
 
हाई कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर पश्चिम बंगाल संसदीय सचिव के नियुक्ति को निर्धारित करने वाले कानून को निरस्त करने के सवाल पर बिमान बासु ने कहा कि मौजूदा सरकार न तो संविधान की परवाह करती है और न ही न्यायपालिका की ।
 
वाम मोर्चा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि खड़गपुर म्युनिसिपल चुनाव में पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस की चुनाव जीतने में मदद की है ।